सर्वनाम की परिभाषा:

संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहा जाता है। सर्वनाम संज्ञाओं की पुनरावृति रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनता है।मूलतः सर्वनामों की संख्या ग्यारह है –मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, कोई और कुछ आदि।

सर्वनाम के पांच भेद होते हैं –

1. पुरुषवाचक सर्वनाम

2. निजवाचक सर्वनाम

3. निश्चयवाचक सर्वनाम

4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम

6. सम्बन्धवाचक सर्वनाम

1. पुरुषवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता द्वारा खुद के लिए या दुसरो के लिए किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे – मैं, हम (वक्ता द्वारा खुद के लिए), तुम और आप (सुनने वाले के लिए) और यह, वह, ये, वे (किसी और के बारे में बात करने के लिए) आदि।

पुरुषवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

नीचे लिखे उदाहरणों को देखें –

• मैं फिल्म देखना चाहता हूँ।

• मैं घर जाना चाहती हूँ।

• आप कहते हैं तो ठीक ही होगा।

• तुम जब तक आये तब तक वह चला गया।

• आजकल आप कहाँ रहते हैं।

• वह पढने में बहुत तेज है।

पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद

पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं -:

उत्तमपुरुष : जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला खुद के लिए करता है। इसके अंतर्गत मैं, मेरा, मेरे, मेरी, मुझे, मुझको, हम, हमें, हमको, हमारा, हमारे, हमारी  आदि आते हैं। जैसे – मैं फुटबॉल खेलता हूँ। हम दो, हमारे दो।

मध्यम पुरुष : जिन शब्दों का प्रयोग सुनने वाले के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत तू, तुझे, तुझको, तेरा, तेरे, तेरी, तुम, तुम्हे, तुमको, तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी, आप आदि आते हैं। जैसे – तुम  बहुत अच्छे हो।

अन्य पुरुष : जिन शब्दों का प्रयोग किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करने के लिए होता है। इसके अंतर्गत यह, वह, ये, वे आदि आते हैं। इनमें व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण भी शामिल हैं।

2. निजवाचक सर्वनाम

जिन शब्दों का प्रयोग वक्ता किसी चीज़ को अपने साथ दर्शाने या अपनी बताने के लिए करता है, वे निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

जैसे-:

• मैं अपने कपडे स्वयं धो लूँगा।

• मैं  वहां अपने आप चला जाऊंगा।

ऊपर दिए वाक्यों में वक्ता ने खुद के लिए स्वयं और अपने आप का प्रयोग  कामों को खुद से जोड़ने के लिए किया।

जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग श्रोता के लिए हो वहाँ यह आदर-सूचक मध्यम पुरुष होता है और जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग अपने लिए हो वहाँ निजवाचक होता है।

3. निश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान की निश्चितता का बोध हो वे शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

निश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

जैसे -: यह, वह आदि।

• यह कार मेरी है।

• वह मोटरबाइक तुम्हारी है।

• ये पुस्तकें मेरी हैं।

• वे मिठाइयाँ  हैं।

• यह एक गाय है।

ऊपर दिए वाक्यों में यह, वह, ये, वे आदि का इस्तेमाल वस्तु, व्यक्ति आदि की निश्चितता का बोध कराने के लिए किया गया है अतः ये निश्चयवाचक सर्वनाम कहलायेंगे।

4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों से वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि की निश्चितता का बोध नही होता वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

जैसे-: कुछ, कोई आदि।

• मुझे कुछ खाना है।

• मेरे खाने में कुछ गिर गया।

• मुझे बाज़ार से कुछ लाना है।

• कोई आ रहा है।

• मुझे कोई नज़र आ रहा है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में वक्ता सिर्फ अंदाजा लगा रहा है लेकिन हमे कस्तू या व्यक्ति की निश्चितता का बोध नहीं हो रहा है।  अतः कुछ, कोई आदि शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम की श्रेणी में आते हैं।

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में कोई सवाल पूछने या उसके बारे में जान्ने के लिए किया जाता है उन शब्दों को प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।

प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

जैसे- कौन, क्या, कब, कहाँ आदि।

• देखो तो कौन आया है?

• आपने क्या खाया है?

ऊपर दिए वाक्यों में ‘कौन‘ तथा ‘क्या‘ शब्दों का प्रयोग करके किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में जानने की कोशिश की जा रही है। अतः ये प्रश्नवाचक सर्वनाम की श्रेणी में आएंगे।

6. सम्बन्धवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु या व्यक्ति का सम्बन्ध बताने के लिए किया जाए वे शब्द सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

सम्बन्धवाचक सर्वनाम के उदाहरण:

जैसे :- जो-सो, जैसा-वैसा आदि।

• जैसी करनी वैसी भरनी।

• जो सोवेगा सो खोवेगा जो जागेगा सो पावेगा।

• जैसा बोओगे वैसा काटोगे।

ऊपर दिए वाक्यों में ‘जो-सो’ व ‘जैसे-वैसे’ शब्दों का प्रयोग करके किसी वस्तु या व्यक्ति में सम्बन्ध बताया जा रहा है। अतःये शब्द सम्बन्धवाचक सर्वनाम की श्रेणी में आते हैं।

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